Wednesday, February 6, 2008

वामपंथी सहयोगियों ने प.बंगाल बंद किया

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ वामपंथी मोर्चे के घटक दल ने 24 घंटे के राज्यव्यापी बंद का ऐलान किया है। यह बंद मंगलवार को पार्टी कार्यकर्ताओं की मौत के विरोध में आयोजित किया गया है।

बुधवार को दुकानें बंद रहीं। वहीं रेल व सड़क यातायात भी इस बंद से प्रभावित रहा। पुलिस के मुताबिक इस दौरान कुछ वाहन जिनमें सरकारी बसें भी शामिल थीं चलते हुए नजर आए। बुधवार के बंद को तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया का समर्थन प्राप्त था। तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने कहा, "यह शर्म की बात है। पंश्चिम बंगाल में पुलिस हर चीज का हल बंदूक से निकाल रही है। हम काफी समय से पुलिस के इस अलोकतांत्रिक रवैये का विरोध कर रहे हैं।" मालूम हो कि पंश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीटों में से 23 फोरवर्ड ब्लॉक की हैं।पुलिस ने बंद समर्थकों को गिरफ्तार किया
इसी दौरान पुलिस महा निरीक्षक (कानून और व्यवस्था) राज कनोजिया ने बताया कि राज्य के अलग अलग जिलों से 41 बंद समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है। ये रेलें रोकने व सड़कों पर जाम लगाने की कोशिश कर रहे थे।
मालूम हो कि कूच बिहार जिले के दिनहाता इलाके में मंगलवार दोपहर पुलिस गोलीबारी में फोरवर्ड ब्लॉक के 6 कार्यकर्ता गोली लगने से बुरी तरह घायल हो गए।

फॉरवर्ड ब्लॉक का बंगाल बंद का ऐलान
उधर, पार्टी के सूत्रों के मुताबिक इस गोलीबारी में 4 कार्यकर्ताओं की मौत हो गई और कई घायल हुए हैं। फोरवर्ड ब्लॉक के राज्य सचिव अशोक घोष ने कहा, “यह बहुत ही दुखद घटना थी। यह गैरजरूरी पुलिस गोलीबारी थी। मारे गए 4 लोगों में से 2 की पहचान नहीं हो सकी है।“
घोष ने कहा कि फोरवर्ड ब्लॉक इसकी कोई जांच नहीं चाहता। उन्होंने कहा कि यह लोगों के ऊपर है कि वह फैसला करें। इसलिए हमने बंद का आयोजन किया है।

नन्दीग्राम तनाव का असर कोलकाता तकउन्होंने सीपीआई-एम पर राज्य में वाम मोर्चे की सरकार के नाम पर एक पार्टी का शासन चलाने का आरोप लगया। घोष ने कहा, “हम इसका विरोध कर रहे हैं। हमारी पार्टी पूरे राज्य की पंचायतों में फैले भ्रष्टाचार के विरोध में 8 जनवरी से राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन कर रही है।“
हालांकि घोष ने इस मुद्दे पर 9 पार्टियों के वाममोर्चे से फोरवर्ड ब्लॉक के अलग होने की बात से साफ इनकार किया। मालूम हो कि यह घटना तब हुई है जब वाम मोर्चे के घटक दल फोरवर्ड ब्लॉक और आरएसपी के नेता मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य सरकार की औघोगिक नीतियों और सीपीआई-एम की नंदीग्राम में भूमिका की मुखर आलोचना कर रहे हैं। दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने इस मामले की प्रशासनिक जांच के आदेश दिए हैं।

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